नमस्कार दोस्तों आपको हमारे चैनल पर स्वागत है। एरोप्लेन से जुड़ी आपने कही सारे कहानियां सुनी होगी। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे एरोप्लेन Santiago Flight 513 की कहानी को बताने जा रहे हैं जो कि 35 सालों तक हवा में रहा।
और जब उसे लयांड किया गया तो लोगों के उसे देख कर हीं हैरान रह गए। बहुत से लोग इस घटना को टाइम ट्रेवल के साथ जोड़ ते हैं। और वहीं कुछ लोग इसे किसी भूतिया कहानी के साथ भी जोड़ते हैं।
अब घटना भले ही कोई भी क्यों ना हो लेकिन चौकाने वाली जरूर है।एरोप्लेन Santiago Flight 513 35 हजार फीट के उचाई पर उड़ते हैं। और अगर उस समय कोइ गलती हो जाए तो आपका बचना नामुमकिन हो जाता है।
आज हम बात करने वाले हैं फ्लाइट नंबर ५१३ की। यह बात है ४ सितंबर १९५४ की। जब Santiago flight 513 West Germany के Aryan international airport से उड़ान भरती हे जिसे ब्राजील के porto Alegre international airport पर पहचना है। और यह सफर करीब १८ घंटे का है।
इस फ्लाइट में ४ crew members मेंबर और ८८ पैसेंजर थे। जब प्लेन उड़ान भरने के बाद अटलांटिक महासागर के पाश पहचता है तो वह अचानक गायब हो जाता है। अब यह देखकर एटीसी वालों ने हैरान रह गए।
और वह प्लेन से बात करने के करने कि कोशिश करने लग गए। एटीसी वालों ने सीधा फ्लाइट से बात करने लग गए।लेकिन उन्हें फ्लाइट के कप्तान की तरफ से कोई जवाब नहीं आ रहा था।
एटीसी ने एक टीम बनाई। और उन्होंने अटलांटिक महासागर में खोज के लिए भेज दिया। वैसे जब भी कभी ऐसा होता है तो ऐसा माना जाता है कि प्लेन जरूर कोई हादसे का शिकार हो गया है। और इसीलिए कोई जबाब उधर से नहीं आ रहा है।
उन्होंने हर बह जगह की छानबीन कर ली जहां पर उन्हें शक था। लेकिन उन्होंने प्लेन का कोई नामोनिशान नहीं मिला। किसी के पास कुछ जवाब नहीं था।
लेकिन प्लेन का कुछ अता पता नहीं था।१२ अक्टूबर १९८९ में जब एक प्लेन ब्राजील की एयरपोर्ट कि तरफ बढ़ता चला आ रहा था। एटीसी बालों को जैसे हीं इस प्लेन की स्तचना मिलती हे तो वह उस प्लेन से संपर्क करने की कोशिश करते हैं।
लेकिन प्लेन की तरफ से कोई जवाब नहीं आता।एरोप्लेन जब लेंड हुआ उन्होंने देखा कि यह तो वही फ्लाइट है जो कि १९५४ में गायब हुआ था।
यह देखकर किसी को यकीन नहीं हो रहा था। आखिर यह प्लेन 35 साल के बाद कहां से आ रहा है।कर्मचारी जब प्लेन के अंदर गए तो सब के सब हैरान हो गए। यहां पर सभी सीट कंकाल से भरी हुई थे। जब उन्होंने प्लेन की दरवाजा खोला तो प्लेन चला रहे कैप्टन कि हाथ में प्लेन का कंट्रोल था। और उनका शरीर भी कंकाल बन चुका था।